ZEE BUSINESS के ‘ऑपरेशन हफ्ता वसूली’ का बड़ा इम्पैक्ट, PC Financial का रजिस्ट्रेशन रद्द
ZEE BUSINESS Operation Hafta Vasooli Impact: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कैशबीन (Cashbean) नाम से डिजिटल लेंडिंग एप्लीकेशन चलाने वाली NBFC, PC फाइनेंशियल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने पाया कि कैशबीन रिजर्व बैंक के नियमों के खिलाफ काम कर रहा था.
ज़ी बिज़नेस की मुहिम ‘ऑपरेशन हफ्तावसूली’ कामयाब रही थी. ज़ी बिजनेस को मार्च 2020 में बड़े पैमाने पर ऐसी शिकायत मिली थी.
ज़ी बिज़नेस की मुहिम ‘ऑपरेशन हफ्तावसूली’ कामयाब रही थी. ज़ी बिजनेस को मार्च 2020 में बड़े पैमाने पर ऐसी शिकायत मिली थी.
ZEE BUSINESS Operation Hafta Vasooli Impact: ज़ी बिज़नेस (ZEE BUSINESS) के ऑपरेशन हफ्ता वसूली का बड़ा असर दिखा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कैशबीन (Cashbean) नाम से डिजिटल लेंडिंग एप्लीकेशन चलाने वाली NBFC, PC फाइनेंशियल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने पाया कि कैशबीन रिजर्व बैंक के नियमों के खिलाफ काम कर रहा था. कंपनी Cashbean नाम से डिजिटल लेंडिंग ऐप चलाती थी. खबर के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने इस मामले में आउटसोर्सिंग पाया और यह भी पाया कि कंपनी की तरफ से KYC (अपने ग्राहक को जानें) नियमों का उल्लंघन हुआ है.
मनमाने तरीके से ब्याज और चार्ज वसूल रही थी कंपनी
आरबीआई ने पाया कि कंपनी (PC Financial) ग्राहकों से मनमाने तरीके से ब्याज और चार्ज वसूल रही थी. इतना ही नहीं, कंपनी ने रिकवरी के लिए RBI, CBI के लोगो का गलत इस्तेमाल किया. आपको बता दें, ज़ी बिज़नेस ने दिखाया था कि कैसे रिकवरी के लिए फर्जीवाड़ा होता था. पीसी फाइनेंशियल ने फेयर प्रैक्टिस कोड के खिलाफ काम किया. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि कंपनी लोन पर 36-40% ब्याज सहित भारी पेनाल्टी लगाती थी और 12 प्रतिशत प्रोसेसिंग फीस भी वसूला करती थी.
#ZeeBusiness की मुहिम ऑपरेशन हफ्ता वसूली और एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट की सिफारिश का बड़ा असर। कैशबीन की पैरेंट कंपनी का RBI ने रद्द किया रजिस्ट्रेशन।
— Zee Business (@ZeeBusiness) February 24, 2022
पूरी खबर जानिए ब्रजेश मिश्रा से @BrajeshKMZee | #RBI | #CashBean pic.twitter.com/kQuYm2PwDF
ज़ी बिजनेस को कई शिकायतें मिली थीं
ज़ी बिज़नेस की मुहिम ‘ऑपरेशन हफ्तावसूली’ कामयाब रही थी. ज़ी बिजनेस को मार्च 2020 में बड़े पैमाने पर ऐसी शिकायत मिली थी, जिसमें रिकवरी एजेंट्स की मनमानी, ग्राहकों के शोषण का मामला जानकारी में आया था. इतना ही नहीं इन शिकायतों में निजी डेटा का गलत इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने की भी शिकायतें थीं. ज़ी बिजनेस ने जांच पड़ताल कर गड़बड़ियों का भंडाफोड़ किया था. इसके लिए ‘ऑपरेशन हफ्तावसूली’ कार्यक्रम चलाया और इसे RBI तक पहुंचाया.
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RBI ने डिजिटल लेंडिंग पर कमेटी बनाई
बाद में ऐसे मामलों में ग्राहकों का शोषण बढ़ने पर FIR हुए, मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी जांच की. ED ने जांच में पाया बड़े पैमाने पर चीनी निवेशकों का पैसा लगा था. ED ने पाया कि नेट ओन्ड फंड के तय नियम से कहीं ज्यादा की लेंडिंग थी. ED ने RBI से ऐसी NBFCs का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए लिखा. ज़ी बिज़नेस की मुहिम पर ही RBI ने डिजिटल लेंडिंग पर कमेटी बनाई थी.
08:44 PM IST